गुरूद्वारा नाका हिंडोला में श्रद्धा के साथ मनाया गया शहीद बाबा दीप सिंह जी का शहीदी दिवस
लखनऊ। बाबा दीप सिंह जी का शहीदी दिवस ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिंडोला, लखनऊ में श्रद्धा के साथ मनाया गया। प्रातः सुखमनी साहिब के पाठ के उपरान्त हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुरवाणी में ”जिसके सिर ऊपर तूँ सुआमी सो दुख कैसा पावै“ शबद कीर्तन गायन किया तत्पश्चात ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने बाबा दीप सिंह जी के जीवन पर कथा व्याख्यान करते हुए कहा कि शहीद बाबा दीप सिंह जी का जन्म ग्राम पहुविंड, तहसील पट्टी, जिला अमृतसर में हुआ था।
आपके पिता जी का नाम भाई भगता जी एवं माता का नाम जीऊणी जी था। आप दसवें गुरू श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के परम शिष्य थे। गुरमुखी, फारसी, अरबी भाषा का ज्ञान, घुड़सवारी एवं शस्त्र विद्या में निपुणता गुरू जी से ही सीखी। सिक्ख धर्म के महान योद्धा बाबा दीप सिंह जी की शहादत की मिसाल पूरे विश्व में कहीं नहीं मिलती। मुराद बेग ने अहमद शाह अब्दाली को पत्र लिखकर भारत पर हमला करने की गुजारिश की। अब्दाली ने एक लाख की फौज के साथ हमला कर दिया। क्रूरता की सारी हदें पार करती फौज ने जब बच्चों और स्त्रियों को भी नहीं बक्शा बाबा दीप सिंह से यह देखा न गया। बाबा दीप सिंह ने प्रण लिया कि ‘‘खालसा सो जो चढे़ तुरंग, खालसा सो जो करे नित जंग’। 1757 में गोलवड़ के टिब्बे पर 40000 फौजियों ने हमला कर दिया। बाबा दीप सिंह अपने साथियों बाबा नौध सिंह, भाई दयाल सिंह, बलवंत सिंह, बसन्त सिंह और कई यो़द्धाओं के साथ मुकाबला शुरू कर दिया।
कमेटी के प्रवक्ता सतपाल सिंह मीत ने बताया कि धर्म की रक्षा करने के साथ ही महिलाओं एवं बच्चों की रक्षा करने वाले बाबा दीप सिंह 18 सेर की दो धारी खंडा (दो धार वाली तलवार) लेकर मैदान-ए-जंग में लड़ते रहे। बाबा ने सुधासर (अमृतसर) में शहीद होने का प्रण लिया था। बाबा का सिर जंग में कट जाने के बावजूद एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में सिर लेकर वह गुरू रामदास के चरणों में पहुॅच गये। वहाँ अब बाबा के नाम से टाहला साहिब गुरूद्वारा है। बाबा के शरीर का जहाँ संस्कार किया गया वहाँ अब गुरूद्वारा शहीदगंज बाबा दीप सिंह जी बना है। दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष स0 राजेन्द्र सिंह बग्गा जी ने बाबा दीप सिंह जी के शहीदी दिवस पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। तत्पश्चात श्रद्धालुओं में गुरु का प्रसाद वितरित किया जायेगा।