राम-राम का जाप मन में ही करना सबसे अच्छा है


मन से उठते बैठते चलते फिरते घर का सब काम करते समय सोते समय 'राम राम' कहा करो, नाम जप का महत्त्व हमारे ग्रंथों में अनेकों बार और बहुत अच्छी तरह समझाया गया है हम जिस भी देवी -देवता को मानते हों या जो भी हमारे इष्ट हों उनका नाम नियमित रूप से जपते रहने से उनके प्रति हमारे भाव दृढ़ होते हैं

संभवतः महाराज जी यहाँ पर ये उपदेश उन भक्तों को दे रहे हैं जिनके इष्ट श्री राम हैं महाराज जी उन्हें अपनी दिनचर्या में राम -राम निरंतर जपने को कह रहे हैं। सच्चे भाव से और मन लगाकर राम-राम जपने से बहुत शांति मिलना संभव है हालाँकि जीवन के उतार चढ़ाव में, घर गृहस्थी के कामों में, काम धंधे की समस्याओं में कभी कभी ऐसा करना सहज नहीं हो पाता है पर संकल्प लेकर यदि प्रयास किया जाए तो संभव है और जैसा महाराज जी कहते हैं, राम- राम का जाप मन में ही करना सबसे अच्छा है ऐसा करने में जितना हमें सफलता मिलेगी उतना ही हमारा ध्यान अनावश्यक, महत्वहीन और नकारात्मक बातों में नहीं जाएगा बाकि तो सब अपने इष्ट के लिए हमारे भावों का खेल तो है ही।  

वेसे राम ईश्वर के एक अवतार का नाम तो है ही लेकिन जैसे आप लोगों को ज्ञात होगा कि राम का एक और अर्थ भी है ‘रा’ का अर्थ है आभा (कांति) और ‘म’ का अर्थ है मैं, मेरा और मैं स्वयं इसलिए राम का अर्थ मेरे ह्रदय में प्रकाश या मेरे अंदर का प्रकाश भी है ये प्रकाश जो हम आत्माओं के भीतर है उस सर्व शक्तिशाली परम आत्मा का ही रूप है अर्थात जैसा महाराज जी ने समझाया है राम नाम जपने से हमें लाभ होगा।

गुरु को सिर पर राखिये, चलिए आज्ञा माहिं।
कह कबीर ता दास को, तीन लोक डर नाहीं।।

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